Shodashi Secrets

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The ability place in the course of the Chakra shows the highest, the invisible, as well as the elusive Middle from which the entire determine Bhandasura and cosmos have emerged.

रागद्वेषादिहन्त्रीं रविशशिनयनां राज्यदानप्रवीणाम् ।

Shodashi’s mantra improves devotion and religion, assisting devotees build a further relationship towards the divine. This reward instills rely on in the divine process, guiding folks by way of problems with grace, resilience, and a sense of function inside their spiritual journey.

Saadi mantras tend to be more accessible, utilized for basic worship and also to invoke the presence on the deity in everyday life.

The supremely beautiful Shodashi is united in the heart with the infinite consciousness of Shiva. She eliminates darkness and bestows light-weight. 

सा मे मोहान्धकारं बहुभवजनितं नाशयत्वादिमाता ॥९॥

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

Shodashi’s mantra will help devotees release past grudges, soreness, and negativity. By chanting this mantra, folks cultivate forgiveness and emotional release, advertising reassurance and the chance to shift forward with grace and acceptance.

श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।

As being the camphor is burnt into the fireplace promptly, the sins made by the individual grow to be free from those. There is not any any as a result require to find an auspicious time to get started on the accomplishment. But following intervals are explained to become Distinctive for this.

यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।

कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

Kama, the incarnation of sexuality and physical really like, experienced tried to distract Shiva from his meditations. Consequently, Shiva burned Shodashi him to ashes using a stream of hearth from his 3rd eye, and perfectly meaning attendants to

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